स्टीव कट्टस की जरूरी फिल्में

कहते हैं कि चित्र भाषा के मोहताज नहीं होते। कि एक चित्र में कई हजार शब्द छिपे होते है। आधुनिक युग में एनिमेशन फिल्मों ने इस विचार को एक नया आयाम दिया है। इस लेख के जरिए हम आपको एक ऐसे फिल्मकार से रूबरू करा रहे हैं जो एनिमेशन फिल्मों को लेकर आपकी राय हमेशा के लिए बदल देगा।

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जिन्दगी आसान है!

जिंदगी जटिल है या आसान? क्या हम खुद ही अपनी जिन्दगी को जटिल बनाते हैं? इस बारे बहुत लोगों ने बहुत कुछ कहा है पर थायलैंड के किसान जोन जंदाई का मत काफी भिन्न है। उनके कहने में सादगी भी है और सच्चाई भी। यह अलग बात है कि जिस आसानी की बात वे कह रहे हैं वह बहुत आसान लगने के साथ साथ बहुत कठिन भी है।

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मैं तुम्हारा कवि हूँ!

पहली बार जब विद्रोहीजी की कविता सुनी तो मन तृप्त हो गया। कहीं अंदर से आवाज आई – ऐसा होता है कवि ! इच्छा हुई की जानूँ इस कवि के बारे में। क्या यह कवि भी पैन पेंसिल से कविताएँ लिखता है या कोरा मन ही इसका कागज है? क्या कवि होना इसकी अभिव्यक्ति का हिस्सा है या इसकी अभिव्यक्ति ही एक कवि होना है?

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अलविदा मंगलेश डबराल!

कोरोना वायरस ने बहुत कुछ छीन लिया है इस दुनिया से। कई ऐसी क्षतियाँ हुई हैं जिनकी भरपाई करना इतनी आसानी से संभव नहीं होगा। 09 दिसंबर, 2020 को ऐसी ही एक क्षति के समाचार ने लोगों को स्तब्ध कर दिया। लोगों के प्रिय कवि, लेखक, पत्रकार, संपादक व अनुवादक मंगलेश डबराल नहीं रहे।

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