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मनुष्य भी रहते हैं इस देवभूमि में
डॉ. नवीन जुयाल ने बड़ी आसानी से एक बहुत बड़ी बात हमारे समक्ष रखी है। उनका कहना है कि सब लोग उत्तराखंड को देवभूमि कहते है और हम आत्ममुग्धता के गुब्बारे से फूले रहते हैं। असलियत यह है कि उत्तराखंड में मनुष्य भी रहते हैं जिनकी अपनी जरूरतें हैं, अपने सरोकार हैं। इस धरा से उनके भी जुड़ाव के मुद्दे हैं।
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