मैं कानूनी रूप से दोहरे दर्जे का नागरिक हूँ
सम्पूर्ण भारतवर्ष में जब कोई नागरिक संकट में होता है तो 100 डायल करता है। पर यह मूलभूत सुविधा मुझे उपलब्ध नहीं है। और मैं अकेला नहीं हूँ। उत्तराखंड के लगभग दो तिहाही लोग इस मूल अधिकार से पूर्ण रूप से वंचित है। और अदालतें भी इस अवैधता को स्वीकार करती हैं।
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