सारी दुनिया का जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है कोरोना वायरस जनित कोविड19 नामक बीमारी ने। भारत में कोविड19 का आगमन देरी से हुआ पर शीघ्र ही संक्रमित लोगों की संख्या के मामले में हम अधिकांश देशों से आगे निकल गए। भाग्यवश भारत में बीमारी का प्रकोप उतना नहीं हुआ जितना कई अन्य देशों में हुआ है। भारत में कोविड19 के अधिकतर मरीज हल्के फुल्के लक्षणों के बाद ठीक हो गए। पर इसका अर्थ यह नहीं है की खतरा टल चुका या हैं ही नहीं। ऐसे भी अनेकानेक मरीज हैं जो कोविड19 से लड़ नहीं सके। जरूरत डरने की नहीं बल्कि अहतियात बरतने की है। अपने को, अपने परिवार को, अपने गाँव शहर को कोविड19 के प्रकोप से बचाने लिए समझदारी से काम लेने की जरूरत है। हमें ये बात याद रखनी होगी की जब हम सतर्क नहीं रहते तब हम केवल खुद को ही नहीं बल्कि अपने परिवार वालों, दोस्तों, सहकर्मियों के लिए भी खतरा पैदा करते हैं।
उत्तराखंड के ग्रामीण अञ्चल के लोगों को सावधानी इसलिए भी बरतनी होगी क्योंकि यहाँ चिकित्सा सेवाओं का अभाव है जिसके कारण खतरा बड़ सकता है। साथ ही साथ ये बात भी ध्यान में रखनी है कोरोना संक्रमण का अर्थ केवल अस्पताल में भर्ती होना ही नहीं अपितु आर्थिक दबाव भी है। संक्रमण के दौरान केवल आप ही नहीं अपितु आपके परिवार के सदस्य व पड़ोसी भी क्वारंटाईन हो सकते हैं जिसके चलते सबका आर्थिक नुकसान होगा।
स्वयं को और समाज को कोविड19 के प्रकोप से बचाने के बारे में एस.पी.एस. कम्युनिटी मीडिया, देवास ने एक एनिमेशन फिल्म तैयार की है। फिल्म मूल रूप से हिन्दी में है। उत्तराखंड के जन जन तक कोविड19 की जानकारी पहुँचाने के लिए हमने फिल्म का कुमाऊँनी और गढ़वाली में अनुवाद किया है। इस फिल्म को देखें और अन्य लोगों को दिखाएँ ताकि हम साथ मिल कर इस मुश्किल दौर का आसानी से सामना कर सकें।
यहाँ यह बताने में भी हमें खुशी है की इस फिल्म की लगभग पूरी टीम उत्तराखंड मूल की है। फिल्म का मूल स्क्रिप्ट और एनिमेशन चेतन टोलिया ने किया है। मूल हिन्दी फिल्म का स्वर प्राची डबराल ने दिया है और ध्वनि मिश्रण किया है प्रदीप लेखवार ने।
इन फिल्मों को देखें ओर दिखाएँ, उत्तराखंड तो कोरोना से बचाएँ!
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Bahut aachha prastutikaran