अनुमति, सहमति और रेप कल्चर

बलात्कारी अचानक पैदा नहीं होते। वे यहीं होते हैं, हमारे बीच। बलात्कारी प्रवृति भी कोई पैदाइशी दोष नहीं है। दरअसल वह हमारी सामूहिक मानसिकता का ही एक परिणाम है। झंडा डंडा ले कर दोषी को सजा देने के लिए हम आंदोलित तो हो जाते हैं पर समस्या के मूलभूत निवारण की बात पर चुप्पी मार लेते हैं।

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कौन देता है थल के बाजार को यूँ सीटी बजाने का हक?

आप ये लेख पढ़ें इससे पहले आपको आगाह करना चाहता हूँ की यह लेख ‘थल की बजारा’ के गीतकार व गायक पर किसी तरह का निजी प्रहार नहीं हैं। यह एक सवाल है हमारी सामंती व्यवस्था और सोच पर जिसे उत्तेजना नहीं अपितु समग्रता से देखने की जरूरत है।

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